Tuesday 27 September 2011

बारिश की बूंदे



बारिश की बूंदे कितनी प्यारी होती है,
जैसे किसी बगिया में बयारे होती है ।
हर किसी की अपनी अलग कहानी होती है,
किसी के लिए खुशियों का अहसास ,तो  किसी के लिए यादों के पैमाने होते है।
 
किसी बच्चे की मासूम ख्वाहिश होती है ,
तो जवा दिलों कि ये हसरत होती है ।
किसी बूढ़े के बीते दिनों कि याद होती है
और हर किसी के लिए इसकी अपनी कायनात होती है।
वैसे तो बारिश की बूंदे धरती पे नीर गिराती है ,
पर कही कही ये बूंदे मन में एक मीठा सा पीर दे जाती है।
धरती गीली,,मिट्टी सौंधी,पेडों में रस भर जाती है
बड़ा सुहाना लगता है ,जब बगिया प्यारी खिल जाती है।
कुछ भी मानो कुछ भी जानो ये बारिश बड़ी निराली है ,
पल मे शोला,पल मे शबनम, दिल को करने वाली है ।
ठहरे हुए मन में भी हलचल मचा देती है ,
कुछ भी कह दो पर ये बारिश तो बड़ा सुकू देती है।
 

No comments:

Post a Comment