Wednesday 31 August 2011

अश्क


ये अश्क कितने खास होते है ,
कभी खुशी कभी गम का अहसास होते है।
   कभी उदास होतो,इन्हे बहा दो ,
   दिल मे जो सुकू मिले,
   वो कोई और ना दे पायेगा।
 वो चैन,वो करार,
जिसकी चाहत को है दिले बेकरार।
   इन अश्कों
की राहत कही और ना मिलेगी,
   ये अस्क वो दवा है जो हर पीर पर चलेगी।
प्यार में जब ये अश्क बहतें है ,
मत पूछो क्या कहानी कहते है।
   ऑखों से बहकर ही,हर राज खोल देते है,
  खामोस रहकर भी अल्फाज बोल देते है।
कभी मिलने की हसरत में,
अश्क निकल जाते हैं
तो कभी बिछडने के गम से ,ये फिसल जाते है ।
मत पूछो यारो इन अस्क का दर्द ,
कही कह ना दे दुनिया इसे बेशर्म
   कि क्यों हर वक्त ये, इन ऑखों से नाता जोड देते है,
   हर आलम में अपना ,अहसास छोड़ जाते है,
अरे दोस्त इन अश्कों को ,थोड़ी तव्ज्जों तो दीजियें,
जो बात वो लफ्जों से ना सुलझे, उसे
अश्क से हल कर लीजिये।   
     और जो बात अश्क ,बिन लफ्ज के बयां कर देते है
     वो बात लफ्ज हों कर भी ,जुबा नही कर पाते है। 
                                                                                    ANKITA JAIN


2 comments:

  1. bahut khub...
    do lines yaad aa gayi...
    kis muh se jubaan karti izhaar-e-pareshaani,
    jab tumne meri haalat soorat se naa pahchani...

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  2. bahut achi lines hi and thank u

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